Few lines that i wrote in college... These lines were not supposed to come in public, but today when I was going through my dairy, I found these lines. Sharing these lines with you all.... Lets see how good can i write
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जनाजे पे हमारे उन्हे ना बुलाना
उसे बुलाकर उसका एक और गम ना बढाना|
आ ना पाएगी, वहाँ पर भी मिलने,
मर ने के बाद हमे युं ना सताना।।
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खुशनसीब हैं वो जो तेरा साथ पाते हैं,
हम तो वो दिवाने हैं, जो ख्वाबों में भी तुम्हे दूर पाते हैं॥
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लब्ज सिमट गये, तमन्नाये बच गई।
तुम ना आये मिलने, अब तो जिन्दगी निकल गयी।
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I know all are frustu mode but mein aisa hi hun....
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जनाजे पे हमारे उन्हे ना बुलाना
उसे बुलाकर उसका एक और गम ना बढाना|
आ ना पाएगी, वहाँ पर भी मिलने,
मर ने के बाद हमे युं ना सताना।।
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खुशनसीब हैं वो जो तेरा साथ पाते हैं,
हम तो वो दिवाने हैं, जो ख्वाबों में भी तुम्हे दूर पाते हैं॥
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लब्ज सिमट गये, तमन्नाये बच गई।
तुम ना आये मिलने, अब तो जिन्दगी निकल गयी।
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I know all are frustu mode but mein aisa hi hun....
i liked the 2nd and third one... pehla wala itna kuch khaas nahi laga.. keep up the good work dude!!! :)
ReplyDeletewow yaar....I am impressed...Bring it ON!!!! I want some more.
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